GST New Slab 2025: 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार दिवाली पर वो डबल दिवाली का काम करने जा रहे हैं। सरकार Next Generation GST रिफॉर्म लेकर के आ रही है और सामान्य मानवीय जरूरत की चीजों पर टैक्स भारी मात्रा में कम कर दिये जाएंगे। दरअसल केंद्र सरकार ने 5% तथा 18% के टैक्स रेट के लिए सभी राज्यों को प्रस्ताव भेज दिये है। पान-मसाला, सिगरेट जैसी कुछ चीजों पर 40% का स्पेशल रेट रखने का भी प्रस्ताव है।
इन नई टैक्स दरों पर GST Council पर सहमति बनते ही ये दरें इस साल दीवाली से लागू कर दी जाएंगी। इन नई दरों से MSME यानि हमारे लघु उद्दमियों को बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। इससे रोजमर्रा की चीजें बहुत सस्ती हो जाएंगी जिससे अर्थव्यवस्था को बहुत बल मिलेगा।
GST New Slab 2025(Only Two GST Slab will Run)
वित्त मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि मौजूदा 12% रेट स्लैब के करीब 99% वस्तुएं 5% रेट स्लैब में लाने का प्रस्ताव है। इसी तरह से 28% के सबसे ऊचे स्लैब की अधिकतर चीजों पर 18% रेट रखने का प्रस्ताव दिया गया है। अभी कुछ जरूरी खाद्य वस्तुओं पर लगभग जीरों % के अलावा बाकि चीजों के लिए 5,12,18 और 28% के टैक्स स्लैब हैं। 28% के स्लैब में पान-मसाला, सिगरेट, तंबाकू उत्पादों के अलावा ऐसी चीजें रखी हैं, जिन्हें विलासित की वस्तु माना जाता है।
GST कर दर | राजस्व संग्रह | प्रमुख सामान |
28% | 11% | कार, महंगे कपड़े-जूते, एयर कंडीशनर, तंबाकू उत्पाद |
18% | 67% | हेयर ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट और अधिकांश सेवाएं |
12% | 5% | मक्खन, घी, कंप्यूटर और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ |
5% | 7% | खाद्य तेल, चीनी, चाय, कॉफी जैसी आवश्यक वस्तुएं |
GST New Slab 2025(4 Pillars will affect form New GST Slab)
आम लोगों पर
- रोजमर्रा के सामान और सेवाओं के दाम घटेंगे, जिससे घर का खर्च कम होगा।
- महंगे सामान और सेवाएं भी सस्ती हो सकती है, जिससे अधिक लोग इन्हें खरीद पाएंगे।
- दवाइयों, चिकित्सीय उपकरणों और कुछ जरूरी वस्तुओं पर राहत मिलेगी।
- सस्ती कीमतों से लोगों की खरीदने की इच्छा और क्षमता दोनों बढ़ेगी।
सरकार पर
Related Posts




- नियम और प्रक्रियाओं के स्पष्ट हो जाने के बाद कर चोरी कम होगी।
- अधिक कारोबारी कर भरेंगे, जिससे सरकार की आय बढ़ेगी।
- दरों के तर्कसंगत होने से राज्यों के बीच सहमति बनाना आसान होगा।
- राजस्व बढ़ने से सरकार को विकास योजनाओ के लिए अधिक धन मिलेगा।
- एक समान कर दर से राज्यों और केंद्र के बीच विवाद घटेंगे।
व्यापारियों पर
- जीएसटी के नियम आसान होने से कागजी काम कम होंगे।
- जीएसटी की दरें कम होने से उनकी बिक्री बढ़ेगी, खासकर खुदरा और सेवा क्षेत्र में।
- छोटे कारोबारियों को जीएसटी पंजीकरण से राहत मिल सकती है।
- जीएसटी का कर ढांचा साफ और पारदर्शी होने से कारोबार में भरोसा बढ़ेगा।
- अधिक कारोबार कर के दायरे में आने से प्रतिस्पर्धा ईमानदार बनेगी।
अर्थव्यवस्था पर
- सस्ती कीमतों से उत्पादों की मांग बढ़ेगी और बाजार में फिर से रौनक आएगी।
- अधिक उत्पादन और बिक्री से रोजगार के अवसर बढ़ेगें।
- मूल्य संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे निर्माण क्षेत्र मजबूत होगा।
- घरेलू और विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
- देश की आर्थिक वृध्दि दर में सुधार की संभावना, जिससे देश के निवेश में प्रवाह में इजाफा होगा।
पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी व्यवस्था नहीं लागू होगी। उन्हें जीएसटी में शामिल किये जाने को लेकर के कोई प्रस्ताव नहीं है। केंद्र की तरफ से यह भी स्पष्ट किया गया है कि रेफ्रिजरेटर, एसी, वाशिंग मशीन जैसे उत्पादों को 40 फीसदी के स्लैब में शामिल किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।