UP Weather News : उत्तर प्रदेश में फिर से सक्रिय मानसून के चलते रविवार को अधिकांश जिलों में झमाझम बारिश हुई जिसके बाद से कई जगह नदिया उफान पर है। अधिकांश स्थानों पर लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं तथा बारिश के काऱण 17 लोगों को अपनी जान भी गवानी पड़ी है। प्रयागराज तथा कई जिलों में पिछले 72 घंटों से लगातार बारिश हो रही है। जिससे यमुना तथा गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है।
राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में लगातार बारिश से 18 जिलें बाढ़ की चपेट में हैं। बुन्देलखण्ड–पूर्वांचल में स्थिति गंभीर बनी हुई है। मौसम विभाग ने 16 जिलों के लिए अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही 31 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। आइये आपको उत्तर प्रदेश में मौसम से जुड़ी सारी जानकारी बताते हैं।
UP Weather News (Flood Alert in Prayagraj)
प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, गाजीपुर, मिर्जापुर, बलिया, चंदौली जैसे कुल 17 जिले इस समय बाढ़ की चपेट में हैं। बीते दो दिनों से हो रही बारिश के बाद से गंगा, यमुना का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि प्रयागराज में राजापुर, सलोरी, बघाड़ा, दारागंज, जैसे कई इलाके पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। जिस प्रयागराज में 7 महीने पहले पैर रखने की जगह भी नहीं थी आज वहां चारो तरफ सिर्फ पानी ही पानी है। पूरा संगम क्षेत्र पूरी तरह से पानी से डूब चुका है। लोगों के घरों में पानी घुस गया है।
बेला कछार, राजापुर, तेलियरगंज, सलोरी, बघाडा़, दारागंज ये वो इलाके हैं जो गंगा के पानी की वजह से रेड अलर्ट पर हैं। बड़े हनुमान जी गंगा के पानी में जल समाधी ले चुके हैं। अगले तीन-चार दिन ऐसे ही हालात अभी रहेंगे। हालात को काबू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 टीमों बनाई है जो कि बाढ़ प्रभावित अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी लेंगें। स्थानीय लोगो का कहना है कि 2013 के बाद से इतनी बाढ़ आई है।
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मौसम विभाग के अनुसार अभी कई दिनों तक ऐसे ही हालात रहने वाले हैं। वहीं बारिश की बात करें तो इस सीजन की अभी तक सबसे ज्यादा बारिश लखनऊ (61.5mm) रविवार को दर्ज की गई है। वहीं सिध्दार्थनगर (96मिमी.), अमेठी (70.1मिमी.) कौशांबी (65.5मिमी.), प्रयागराज में बीते 10 घंटों में 60 मिमी. तक बारिश हुई है। प्रयागराज में गंगा का जलस्तर 85.80 तथा यमुना का जलस्तर 85.82 मीटर तक पहुंच चुका है। यदि 25 सेमीं. और जलस्तर बढ़ता है तो बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाएंगें। दोनों नदियों के खतरे के निशान का जलस्तर 84.734 मीटर है जो कि पार कर गया है।