APO Bharti Scam: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की अपर निजी सचिव (APO) भर्ती -2010 के हिंदी आशुलेखन टेस्ट में पांच से आठ प्रतिशत तक गलती करने वालों अभ्यर्थियों को भी पास कर दिया गया था। यहीं नहीं दो अभ्यर्थियों ऐसे रहें हैं, जिनके दूसरे कम्प्यूटर प्रमाण पत्र नियमों का उल्लंघन करते हुए निर्धारित अवधि बीतने के बाद स्वीकार किए गए। इस भर्ती में अनियमितता को लेकर के अब सीबीआई ने लोक सेा आयोग के तीन सेवानिवृत्त कर्मियों को पूछताछ के लिए तलब किया है।
सीबीआई ने इन्हें जो नोटिस जारी किया है, उसके खिलाफ इन तीनों कर्मियों ने हाईकोर् में याचिका दायर की है, जिस पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होने की संभावना थी। इस याचिका में इनकी ओर से सीबीआई की ओर से जारी वह पत्र भी लगाया गया है. जिसमें इस भर्ती में हुई अनियमितताओं का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
APO Bharti Scam
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में बताया गया है कि सीबीआई मुख्यालय नई दिल्ली के एंटी करप्शन-1 प्रकोष्ठ के डीआईजी डॉ. नितिन दीप बलग्गन की ओर से आयोग अध्यक्ष को भेजे गए इस पत्र के मुताबिक भर्ती में शामिल चार अभ्यर्थियों के कंप्यूटर प्रमाणपत्र फर्जी और कूटरचित पाए गए। वहीं, चार अन्य अभ्यर्थियों का चयन अमान्य प्रमाणपत्रों के आधार पर किया गया है, जिन्हें बाद में हाईकोर्ट के आदेश से निरस्त करना पड़ा।
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पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि दिव्यांग और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटे में गड़बड़ी करते हुए तीन अभ्यर्थियों को बाहर कर उनसे कम अंक पाने वालों को चयनित किया गया है। हिंदी आशुलेखन और हिन्दी टाइपिंग की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन व स्क्रूटनी के अंकों में हेराफेरी की बात भी इस पत्र में कही गई है, इस वजह से कई योग्य अभ्यर्थियों को चयन सूची से बाहर कर दिया गया, जबकि बाहर किए गए कई अभ्यर्थी अवैध रूप से चयनित कर लिए गए।