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SSC Protest 2025: आदित्य रंजन और अभिनय सर की तीखी बहस, बेशर्मी को किया पार दोनों शिक्षकों ने

SSC Protest 2025

SSC Protest 2025: कर्मचारी चयन आयोग के बार-बार परीक्षाओं में गड़बड़ियों तथा परीक्षा केंद्रों पर छात्रों के साथ हो रही नाइंसाफी को लेकर के जहां शिक्षकों को छात्रों का साथ देना चाहिए, वहीं शिक्षक खुद ही आपस में बैलों जैसी लड़ाई लड़ रहे हैं। कौन कितना ज्यादा फेमस हो सकता है, कौन कितना ज्यादा नाटक कर सकता है कैमरे के सामने, कौन कितना ज्यादा बेशर्म हो सकता है शिक्षक के तौर पर, कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की इस विरोध प्रदर्शन में कई शिक्षकों ने शिक्षक पद की गरिमा को तार-तार कर दिया है।

देश के कई जाने माने शिक्षक 31 जुलाई 2025 को दिल्ली में कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में गड़बड़ियों को लेकर के एकजुट हुए। छात्रों के लिए आवाज उठाई, मार भी खाये। थोड़ा सा बाते ऊपर तक पहुंची हालांकि परीक्षाओं में अभी उतना सुधार नहीं हुआ है। लेकिन इसी बीच कुछ शिक्षकों को इसमें भी अपनी छवि एक मसीहा और एक हीरो की छवि बनाने के चक्कर में आपस में लड़ बैठे। एक दूसरे को बुरा भला कह रहे हैं तथा जिन शिक्षकों को मसीहा माना जाता है वो इस पर चुप होकर के बस मजे ले रहे हैं तथा अपना कोर्स बेचने में लगे हैं।

SSC Protest 2025

बात दरअसल यह है कि देश के जाने माने शिक्षकों अभिनय सर, राकेश सर इन दोनों शिक्षकों ने Dopt मंत्री के साथ मिलकर के इस परीक्षाओं की गड़बड़ी को लेकर के एक मीटिंग में मुलाकात की। फिर कुछ दिन बाद ही एक और शिक्षक आदित्य रंजन जो कि गणित के शिक्षक हैं एक वीडियों यूट्यूब पर बनाते हैं तथा उसमें इन टीचरों को उल्टा-सीधा बोलते हैं और यहीं से शुरू होती है टीचरों की बेशर्मी। उसके बाद अभिनय सर भी अपने शिक्षक के तेवर को हटा करके बेशर्मी में आ जाते हैं तथा जवाबदेही में वीडियों बनाकर के आदित्य रंजन सर को उल्टा सीधा बोलते हैं।

एक और चीज आपको बताते हैं कि दरअसल जो प्रदर्शन हुआ उसे किसी शिक्षक ने नहीं एक छात्र ने ही शुरू किया था जो कि साफ-साफ बोल रहा है कि शिक्षकों ने उनके साथ गलत किया है। क्योंकि शिक्षक अपने लिए वीडियों बना रहे हैं तथा छात्रों को कैसे इकट्ठा होना है, क्या नहीं करना है, प्रदर्शन कितने बजे तक करना है ये कोई शिक्षक नहीं बता रहा है।

SSC Protest 2025

इन शिक्षकों की बेशर्मी में छात्रों की जो सही मांग है, सही मायनों में जो छात्रों का हक है वो उन्हें नहीं मिल रहा है। बात छात्रों के हितों की होनी चाहिए लेकिन यहां बात शिक्षकों के हितों को लेकर के हो रही है। इन सब के बीच में भी कई शिक्षक इन्हीं में से कोर्स बेचने में लगे हुए हैं। शिक्षकों को हीरो मानना बंद करिये।

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